।। ॐ गुरुवे नमः।।
हरि ओम जी 🙏🏻😊🙏🏻🌸🙏🏻
आज के (06/03/20) दिशा सत्संग का सारांश:
** हमारी तीव्र इच्छा जब दृढ़निश्चय में बदल जाती है - तो उसे संकल्प कहा जाता है। *संकल्प वाले निश्चित ही सफल होते हैं।*
** *जब आपका संकल्प दृढ़ हो और आप पूरी ऊर्जा उसमें लगाए, तो पूरी ब्रह्मांड की शक्तियां आपका साथ देने के लिए तैयार है।* बीच में परीक्षा होगी आपकी दृढ़ता की - लेकिन अगर *संकल्प पक्का है तो चमत्कार होगा।*
** जब आप संकल्प करते हो और मानते हो- कि *कुछ भी हो ,मैं हार माननेवाला नहीं तो बात बनेगी।* इसके लिए मन पक्का करें।
** अपनी जीद का सही इस्तेमाल करना सीखें। *जीद सही दिशा में लगाए। संकल्प जीद से जुड़े तो बात बनेगी जरूर- तब व्यक्ति इतिहास रचता है*। जैसे नेल्सन मंडेला ने और दशरथ मांझी ने किया।
** *अपनी मूर्खताभरी जीद को नियंत्रित करना सीखें।अपनी गलती तुरंत माने और दूसरों को भी माफ करना सीखें- इसमें ही बड़प्पन है।*
** *दिल को साफ रखने से बड़ी शांति मिलती है।*
** *आपका मंत्र सिद्ध हो तो आपको शक्ति देगा।*
*मंत्र सिद्ध करने का तरीका क्या है?*
इसके लिए *शुरू में ध्यान करें- स्थिर बैठे और मंत्र जाप करें। ध्यान के अंत में भी मंत्र जाप करें।* ध्यान और मंत्र का मेल लगाएं तो सिद्धि प्राप्त होगी। मंत्र जाप के पहले ध्यान में उतरे।
** *अगर आप शिव जी का ध्यान करते हो* तो उनके नाम कहे- भगवान *आशुतोष* है, वह *शंकर* है -कल्याण करते हैं, वह *शिव* है जो भला करते हैं, वह कष्ट हरते हैं ,वह वरदानी है, मैं उनका ध्यान करता हूं और उनकी कृपा याद करता हूं। *मेरे भगवान पीड़ा भी पी लेते हैं और सदा भला करते हैं*- यह परमात्मा का ही स्वरूप है। प्रार्थना करें- *हे सुखदाता, मंगल करने वाले प्रभु, मैं तेरी शरण में हूं, तुम्हारी कृपाओं का अनुभव कर रहा हूं*। हे प्रभु, सब और आप ही हो। मैं तुम्हारे *प्रकाश का अंदर अनुभव करता हूं*- और अपनी चेतना तुममें विलीन करता हूं। ऐसे कहते हुए अपनी अंदर की कालीमा दूर होते देखे। शांत सहज होकर बैठे- स्थिर होना।
** ध्यान हटे, तब भी मंत्र का ही सहारा लेना। मंत्र से परमात्मा के रंग में रंग जाए। *ध्यान और मंत्र जाप से साधक सिद्ध अवस्था में पहुंचता है।*
** *मनन करने से ,चिंतन करने से, विश्लेषण करने से जो मंत्र आपकी रक्षा करने की शक्ति पैदा करता है- उसे मंत्र कहते हैं।*
हरि ओम जी 🙏🏻😊🙏🏻🌸🙏🏻
आज का दिन मंगलमय हो।