- Visit Daily BLOGS For MORE POSTINGSपरम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- प्रेम और परमात्मा पर्यायवाची शब्ध हैं !प्रेम शब्ध का प्रयोग सिवाय परमात्मा और गुरुजनों के कहीं करना नहीं चाहिये , बाकी सब प्रेम नहीं आसक्ति है !
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
संत कबीर दोहे
सब धरती कागद करूं, लखनी सब बनराय।
सात समुँदर की मसि करूं, गुरू गुन लिखा न जाय।!
कबीर ते नर अंध है, गुरू को कहते और।
हरी रूठे गुरू ठौर है, गुरू रूठे नहीं ठौर।।
गुरू बडे गोविन्द ते, मन में देखू विचारी।
हरी सुमिरे सो बार, गुरू सुमिरे सो पार।।
मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्